पड़ोसी भाभी को सरसो के खेत में बजाया – भाग १
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keyboard_arrow_right पड़ोसी भाभी को सरसो के खेत में बजाया – भाग २
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हेलो फ्रेंड्स मै 20 साल का लौंडा हुं।मेरा काला हथियार 7 इंच लम्बा है। जवान होने के बाद मै चूत की तलाश कर रहा था लेकिन मेरे लंड को चूत मिल नहीं रही थी। तभी मेरी नज़र हमारे पड़ोस में रहने वाली शालू भाभी पर पड़ी।
शालू भाभी लगभग 32 साल की हॉट गौरी चिकनी गजराई हुई माल है। भाभी का पूरा जिस्म भरा भरा सा है। उनके बोबे और गांड बहुत ज्यादा उभरे हुए है। भाभी के जिस्म का साइज 34,32,34 का है।
भाभी अक्सर हमारे घर आती जाती रहती थी। मेरी मम्मी से भाभी की बहुत अच्छी बनती थी। इस बहाने से मैं भी भाभी के घर पर आता जाता रहता था। मैं किसी न किसी काम में भाभी की हेल्प भी कर देता था।
अब धीरे धीरे मैं भाभी के करीब होने लगा। धीरे धीरे भाभी मेरे साथ खुलने लगी थी। इसी दौरान भाभी के घर पर उनकी पड़ोसन शीला चाची भी आती रहती थी। कभी कभी हम तीनों बैठकर गाँव की औरतों और लड़कियों की सेटिंग की बाते किया करते थे।
तभी एक दिन शीला चाची ने शालु भाभी के सामने पूछ लिया
“तू तेरी बता, तेरा सेटिंग किसके साथ चल रहा है?”
“चाची, मेरा तो किसी के साथ भी मामला सेट नहीं है। अब आप किसी के साथ मेरा मामला सेट करा दो तो बहुत अच्छा रहेगा।”
“किसी और के साथ क्या! ये शालु रही ना। इसके साथ ही कर ले?क्यों शालू?”
ये कहते ही शालु भाभी एकदम से सकपका गई। उनकी जुबान लड़खड़ाने लगी।
“मैं… मैं …नहीं चाची जी।”
“अरे तो इसमें क्या गलत है! देख तेरा भी किसी के साथ कोई सेटिंग नहीं है और इसका भी किसी के साथ कोई सेटिंग नहीं है। अब तुम दोनों आपस में सेटिंग कर लो। बहुत अच्छा रहेगा। तुम दोनो के मज़े हो जायेंगे ।”
“नहीं, चाची जी मैं इन सब चक्करों में नहीं पड़ना चाहतीं।मैं तो अंकित के पापा से ही खुश हूँ।”
“अरे शालू खुश होना अलग बात है और मजे लेना अलग बात है। दोनो मे बहुत अंतर है।”
“नही चाची जी मै अलग से मजे नही लेना चाहती।”
“अरे ले ले मजे। मोहित एकदम फ्रेश लड़का है। खूब मजे देंगा तुझे।”
“चाची जी आप भी गजब हो। कुछ तो शर्म करो।”
तभी भाभी मुस्कुराती हुई अंदर चली गई।
“ये ले। तेरा सेटिंग तो बिगड गया।”
अब चाची को क्या पता कि जिस भाभी से वो मेरा सेटिंग कराना चाहती है उस भाभी पर तो मै पहले से नज़र गड़ा कर बैठा हूँ। अब उस दिन के बाद भाभी मुझसे नज़रे चुराने सी लगी। अब मेरा लण्ड भाभी की चूत में घुसने के लिए कुलबुलाने लगा।
अब भाभी भी खुद समझने लगी थी कि मै उनको पटाने की फ़िराक में हूं। शीला चाची भी सबकुछ भांप रही थी।
“मोहित शालु तुझसे सेट् नही हुई क्या अभी तक?”
“हाँ चाची, भाभी अभी नखरे दिखा रही है।”
“हाँ नखरे तो दिखाएगी वो लेकिन तुझे दे देगी वो।”
अब मै मौका मिलते ही भाभी से चिपकने की कोशिश करने लगा। तभी एक दिन हिम्मत करके मैंने भाभी की मस्त सेक्सी गांड पर हाथ फेंर दिया।
“मोहित अब् ज्यादा इतरा मत।”
“मैंने तो कुछ किया ही नही भाभी।”
“मै सब समझ रही हूँ तेरी हरकते।”
“जब आप सब समझ ही रही हो तो फिर दे दो ना। क्यो इतने नखरे दिखा रही हो भाभी।”
तभी भाभी ने कुछ नहीं कहा। बस क्या था मेरी हिम्मत बढ़ गई। तभी मैने भाभी को मेरी और खिंचा और उनके रसीले होंठों पर मेरे प्यासे होंठ रख दिए। अब मै भाभी के रसीले होंठों को धुआंधार तरीके से चूसने लगा।
साथ में मै भाभी की सेक्सी गांड और बूब्स को दबाने लगा।भाभी नखरे दिखा रही थीं। तभी मैं एक हाथ को भाभी के पेटीकोट में घुसाने लगा। अब भाभी ने चूची को छोड़ा और चूत को बचाने लगी। मैं भाभी की चूत तक हाथ पहुचाने की पूरी कोशिश कर रहा था।
तभी गेट बजाने की आवाज़ आई और भाभी धक्का देकर खड़ी हो गई। अब भाभी ने तुरंत खुद को ठीक किया और गेट खोलने भाग गई। गेट खोला तो बच्चे स्कूल से आ चुके थे। साला आज मेरे लंड को चूत मिलती मिलती रह गई।
अब भाभी मुझसे ऐसे बातचीत कर रही थी जैसे तो कुछ हुआ ही नहीं हो। जबकि थोड़ी देर पहले वो चुदने की कगार पर पहुँच चुकी थी। अब भाभी बच्चे के साथ बिजी हो गई। फिर भी मै भाभी का इंतज़ार कर रहा था।
काश! भाभी चूत दे दे। लेकिन फिर मुझे निराश होकर ही घर आना पड़ा। अब अगले दिन मै फिर से भाभी के घर पहुँच गया। आज छुट्टी होने की वजह से बच्चे घर पर ही थे। भाभी काम करने मे लगी हुई थी। मै भाभी को ताड़ रहा था। भाभी भी मेरी भावनाओ को समझ रही थी।
फिर शीला चाची आ गई और उन्होंने खेत पर चलने का प्लान बनाया। बस फिर क्या था! मैं भी ये उनके साथ चल दिया। रास्ते में मेरी नज़र भाभी पर ही टिकी हुई थी। भाभी की गांड को देख देखकर मेरा लंड पाजामा फाड़कर बाहर आने पर मजबूर था।
भाभी भी मेरे लण्ड के उभार को देख चुकी थी। अब हम खेत पर पहुँच कर झाड़ियों से बोर तोड़कर खाने लगे। चारो तरफ सरसो ही सरसो के खेत थे। सबका ध्यान बोर खाने पर था लेकिन मै अब भाभी को बजाने की सोच रहा था।
चाची और बच्चे आगे निकल चुके थे। तभी मेने भाभी से कहा, “यार भाभी मान जाओ ना। देखो ना कितना शानदार माहौल है। मज़ा आ जाएगा।”
“तू सच में पागल है। बच्चे और चाची जी सब अपने साथ है।”
“बच्चों को तो चाची सम्हाल लेगी और चाची क्या डरना! वो तो खुद ही बोल रही है।”
“नही यार मेरी ऐसी कोई इच्छा नही है।”
“अरे यार भाभी, ज्यादा मत तड़पाओ।”
तभी भाभी आगे बढ़ गई। अब हम दोनो को देखकर चाची सबकुछ समझ गई।
“क्या हुआ तुम दोनों को! कैसे पीछे पीछे रह रहे हो?”
“कुछ नहीं हुआ चाची जी।”
तभी चाची ने कहा, “कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है। मै सब समझ रही हूं। अब अगर तुम दोनों को सेटिंग करना हो तो कर लो। यहाँ शानदार माहौल है। बच्चो को तो मैं सम्हाल लुंगी।“
“अरे नहीं नहीं चाची जी।”
चाची, “मोहित, शालु को ले जा। तुझे तो मौका मिला है। मत छोड मौके को। ये तो ऐसे ही नखरे दिखाएगी। ”
“हां चाची। आज तो भाभी के सारे नखरे उठाऊंगा।”
अब चाची बच्चों को आगे ले जाने लगी। तभी भाभी भी आगे बढ़ने लगी लेकिन मेने भाभी का हाथ पकड़ लिया।
मैं, “कहां जा रही हो भाभी! हमें तो इधर खेत में पानी पिलाने चलना है ।”
“अरे यार…तू मान जा ना।”
“मैं तो मान जाऊंगा लेकिन पहले आप भी मान।जाओ ना।”
अब भाभी के कदम रुक चुके थे।अब मैं भाभी को खेत में ले जाने लगा। तभी भाभी कुछ कदम रूककर मेरे साथ चलने लगी।
“ये चाची जी मेरा सेटिंग करवा कर ही मानेगी ।”
मैं, “हां भाभी। ये तो अच्छा ही है ना। दोनों को खूब मज़ा आएगा ।”
“हां तू तो ऐसे ही कहेगा ना। अभी मेरी फाड़ देगा तु।”
“पहले खेत मे तो घुसो भाभी। फिर देखते है। मै आपकी फाड़ पाता हूँ या नहीं।”
“चल् अब जल्दी से।”
अब मेरा लण्ड भाभी की चूत में।घुसने के लिए आग बबूला हो रहा था। मै भाभी का हाथ पकड़कर उन्हे खेत मे ले जा रहा था। फिर मै भाभी को लेकर सरसो के खेत के बीच में पहुँच गया। अब मेने फटाफट से भाभी को नीचे पटक दिया।
भाभी के नीचे गिरते ही सरसो के पौधे भाभी के लिए बिस्तर बन गए और भाभी सरसो के बिस्तर पर लेट गई। अब मै फटाफट से कपडे खोलकर भाभी के ऊपर चढ़ गया और भाभी के रसीले होंठों पर हमला कर दिया।
अब मै धुआंधार तरीके से भाभी के होंठ चुस रहा था।पक्षी उड़ उड़कर हमारे जिस्मो की आग को देख रहे थे। मैं झमाझम भाभी के होंठों को खा रहा था। भाभी बिलकुल चुप थी। वो खूद को मुझे सौप चुकी थी। थोड़ी देर में ही मैने भाभी के होंठों की लिपस्टिक को चुस डाला।
अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था। अब मैने फटाफट से भाभी के बलाउज के हुक खोल दिए और फिर भाभी की ब्रा को ऊपर सरका कर उनके चूची को नंगा कर दिया। भाभी के चूची को नंगा देखकर मेरे लण्ड में आग लग गई और मेरे मुँह में पानी आ गया।
सरसो के पौधे भी भाभी के चूची को देखकर लहलहाने लगे। तभी मेने भाभी के चूची को मुट्ठियों में भीच लिया और फिर ज़ोर ज़ोर से भाभी के चूची को दबाने लगा। अब भाभी दर्द से कस्मसने लगी।
” आईईईई सिसस्ससस्स आह्ह ओह मोहित धीरे धीरे दबा। आहाः आहा।”
मैं, “ओह भाभी दबाने दो। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह।“
मैं जमकर भाभी के चूची को निचोड रहा था। भाभी के चूची को निचोडने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभी की तो दर्द के मारे गांड फट रही थी।
“आईईईईई ओह मोहित, धीरे धीरे दबा ना।”
अब मेने भाभी के चूची को मुँह में भर लिया और फिर भूखे शेर की तरह भाभी के चूची को चूसने लगा। मैं बुरी तरह से भाभी के चूची को झंझोड़ रहा था। भाभी चुपचाप उनके चूची को मुझे लूटा रही थी।
मैं, “उन्ह भाभी, आहा बहुत रसीले आम है। आहा बहुत मज़ा आ रहा है ।”
“चुस् ले मेरे रसीले आमो को आज।”
“हाँ भाभी मै तो कब से आपके आम चूसने के लिए तड़प रहा था।”
सरसो के पौधे और कलरव करने वाले पक्षी वासना का ये नज़ारा देख रहे थे। मैं जमकर भाभी के चूची को चुस रहा था। आज मै भाभी के चूची को चुस चुस कर सारी कसर निकालना चाहता था। भाभी मेरे बालो में हाथ घुमा रही थी।
“उन्ह आह्ह ओह मोहित। बहुत भूखा है तू तो। आहा चूस ले।”
फिर मैंने भाभी के चूचे चूस डाले। अब मेरा काला मोटा तगड़ा लण्ड भाभी की चूत फाड़ने के लिए तैयार था। अब मै फटाफट से नीचे सरका और भाभी की चड्डी खोल फेंकी। तभी भाभी की चड्डी सरसो के पौधों पर जाकर अटक गई।
अब मैने भाभी की टांगो को मेरे कंधो पर रख लिया और मैं भाभी की चूत पर लण्ड सेट करने लगा। चूत के दर्शन करते ही मेरा लंड खुशी से झूम उठा। अब मैने जोर का झटका मारा। तभी मेरा लंड भाभी की टाइट चूत के अस्थि पंजर को तोड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया।
चूत में लंड का आगमन होते ही भाभी बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।
भाभी, “आईईईई मम्मी मर्रर्रर्र गईईईई,, ओह मोहित बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज लण्ड बाहर निकाल ।”
तभी मैने लण्ड बाहर निकाला और फिर से भाभी की चूत में लण्ड ठोक दिया।
“ओह्ह्ह भाभी बहुत टाइट चुत है तेरी। ”
अब मै भाभी की टांगे पकड़ कर भाभी को झमाझम चोदने लगा।भाभी चीखने लगी। आह्ह कितना अच्छा लगता है जब लंड चूत में घुसता है तो। भाभी की चीखे आस पास के पक्षी और सरसो के पौधे सुन रहे थे।
“ओह्ह्ह भाभी आह बहुत मज़ा आ रहा है। आह।”
मैं भाभी को बुरी तरह से चोद रहा था।भाभी की छोटी सी चूत पर मेरा मोटा तगड़ा काला लंड बहुत भारी पड़ रहा था।मेरा मोटा लण्ड भाभी की चूत की चटनी बना रहा था। मुझे तो भाभी को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“आईईईई आह्ह धीरे।”
“जमकर ही चोदने दे मेरी जान।”
मेरे लंड के ताबड़तोड़ धक्कों से भाभी बुरी तरह से हिल रहे थी। तभी भाभी की चीखे रुक सी गई और भाभी का पानी निकल गया। अब मेरा लण्ड भाभी के पानी में नहा गया। मैं फिर भी भाभी की जमकर ठुकाई कर रहा था।
मैं, “आह्ह भाभी बहुत मज़ा आ रहा है। आहा आहा ।”
अब मैं भाभी को पूरी नंगी करना चाहता था। तभी मै भाभी की साड़ी खोलने लगा लेकिन भाभी ने मुझे रोक दिया।
“मोहित ऐसे ही कर ले ना यार।”
“भाभी मज़ा तो अच्छे से लेने दो। ऐसे कैसे मजा आएगा?”
“नही यार तु तो ऐसे ही कर ले।”
“नही भाभी मै तो आपको पूरी नंगी करूँगा।”
अब मैने भाभी की साड़ी और पेटीकोट खोल उन्हे पूरी नंगी कर दिया। अब मैंने भाभी को बाहों में फंसाया और उन्हे बजाने लगा अब भाभी को नँगी करके चोदने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“ओह बहुत मज़ा आ रहा है मोहित। आहा।”
“मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है भाभी।”
“ऐसे ही चोद मुझे।”
मै भाभी की चूत मे खचखच् लंड पेल रहा था। अब हम दोनो पुरे नंगे होकर जिस्मो की प्यास बुझा रहे थे। सारे पक्षी और सरसों के पौधे भाभी को नंगी देख रहे थे। मैं सकासक भाभी को चोद रहा था। भाभी उनके नुकीले नाखूनों से मेरी पीठ को रगड़ रही थी।
“आह आहा चोदो मोहित।आह आहा, ठोको मेरी चूत।आह आहा आईईईई। मजा आ रहा है तेरे लंड से चुदने में।आह आहा।”
मेरे लंड के जोर के झटको से भाभी की चीखों के साथ उनकी पायल भी छन छन छन बज रही थी। सरसो के खेत में माहोल बहुत सेक्सी बन रहा था। मै भाभी की ठुकाई कर रहा था तभी मेरा लण्ड रुकने सा लगा ।
मैंने भाभी की चूत को मेरे लण्ड के पानी से भर दिया।अब मै भाभी से लिपट गया। लंड का पानी निकलते ही मै बुरी तरह से थक गया।मेरे लंड का तूफान शांत हो गया था।
कहानी जारी रहेगी ।
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