मेरे लण्ड का कुंवारी नेहा ने इम्तिहान लिया

rahulkhanna 2025-04-04 Comments
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दोस्तों को नमस्ते. मैं राहुल शर्मा दिल्ली आयु 46 एक और सच्ची चुदाई कहानी लेकर आपकी सेवा में हाजिर हुआ हूं.
मुझे जानने वाले जानते हैँ कि मेरा चुदाई टाइम 3 घंटे से ज्यादा है. काफी लोगों में मेल डालकर मुझसे इसका राज़ पूछा और मैंने उनको बताया भी है. हमेशा की तरह जगह और नाम थोड़ा बदल कर लिखे गए है ताकि गोपनीयता बनी रहे.

दोस्तों,सेक्स लाइफ बहुत मजेदार चीज होती है. कई बार ऐसी घटनाएं भी हो जाती है जिन पर विश्वास करना बड़ा मुश्किल हो जाता है. हालांकि मैं सेक्स लाइफ में बहुत सालों से हूं और मैंने बाहर वाली कम से कम 200 चूतेँ जरूर बजायी होंगी.

लेकिन फिर भी हर चुदाई एक नया अनुभव होता हैं जो आप इस कहानी में भी पढ़ने जा रहे हैँ.
मेरी पहले भी काफी कहानी छपी है. आपकी प्रशंसा के मेल आते रहते हैं. उसी से उत्साहित होकर मैंने यह सच्ची कहानी लिखने का फैसला किया.

यह घटना मेरे साथ सितंबर 24 में घटी जब मेरी कोई कहानी पढ़ कर एक कुंवारी लड़की ने लण्ड का ज्ञान प्राप्त करने के मकसद से मुझे बुलाया. उसकी जल्द ही शादी होने वाली थी. इसका फायदा यह हुआ कि मुझे एकदम कच्ची कली, कुंवारी चूत का स्वाद चखने का गोल्डन चांस मिला जो कि हर किसी के नसीब में नहीं होता.

नेहा (बदला हुआ नाम) नाम की किसी लड़की का मेल आया. मेल में लिखा था कि उसने मेरी कुंवारी डॉक्टर की चूत चुदाई. कहानी पढ़ कर कांटेक्ट किया है. मेल पर हमारे फोन नंबर एक्सचेंज हो गए. फोन नंबर एक्सचेंज होने के तीन-चार दिन के बाद एक लड़की का फोन आया.

बोली – मैंने आपको मेल की थी. मैं पानीपत (बदला हुआ) से नेहा बोल रही हूं. मैंने आपकी स्टोरी पढ़ी है और मैं उससे काफी प्रभावित हुई हूं मुझे आपसे मिलना है.

मैंने कहा – जी धन्यवाद. बताइये कब मिलना है?

उसने कहा – 3 दिन बाद आप पानीपत में इस होटल में आ जाना.

तो मैं होटल पहुँच गया. वो बाहर गैलरी में बैठी थी. बहुत सुन्दर लड़की थी. 26 साल की होंगी. गोरी चिट्टी, सुन्दर गोरे गोरे हाथ, सुराहीदार गर्दन, सुतवा नाक, लाल होंठ, कद कोई 5 फ़ीट का था. जींस और T शर्ट में उसका तराशा हुआ जिस्म हाहाकार मचा रहा था.

T शर्ट में उसके बूब्स सेक्सी लग रहे थे और नीचे जाँघे और गांड सांचे में ढली लग रही थी.
नेहा कुल मिलाकर एक चोदने वाली आइटम लग रही थी. मेरी उससे हल्की फुलकी बाते हुई..
वो बहुत शरमा रही थी.

बोली –  रूम में चलते हैँ, बाकी बातें वहीँ करेंगे.

रूम में हम आमने सामने बैठ गए.

मैंने कहा – आपने मुझे बुलाया, उसके लिए धन्यवाद. लेकिन मैं जानना चाहूंगा कि आपने मुझे ही क्यों बुलाया है?

नेहा शरमाते हुए बोली –  मुझे लगा आप एक अनुभवशाली व्यक्ति हैं.

मैंने कहा –  हाँ वो तो मैं हूँ.

नेहा काफी हिचक महसूस कर रही थी क्योंकि मैंने देखा है कि कोई भी लड़की एकदम ओपनली नहीं बोलती कि आकर मुझे चोद डालो. लड़कियां अक्सर बड़ी शालीन अंदाज में बात करती हैं.
भगवान ने उनको लज़्ज़ा वाला गुण दिया है.

नेहा –  पानीपत (बदला हुआ नाम) एक छोटा सा शहर है और यहाँ सभी एक दूसरे को जानते होते हैँ.

मैंने कहा –  जी आप सही कह रही हैँ. अब तो मैं भी आपको जान गया हु.

नेहा और मैं बहुत ज़ोर से हँसे.

नेहा –  मैंने यहाँ अपना नाम और आईडी अलग दे रखी ह. आपको इतनी दूर से बुलाने का परपज भी यही है कि मेरी पूरी सिक्रेसी बरकरार रहे लोकल शहर में छोटे शहर में अगर मैं किसी के साथ संबंध बनाती हूं तो सबको पता लग जाएगा.

मैं –  जी हाँ.

नेहा –  इसलिए मैंने आपको दिल्ली से बुलाया है.

दोस्तों मुझे क्या चाहिए था? अंधा क्या चाहे,दो आंखे.

फिर बोली –  मुझे आपसे बात करनी है आप मुझे गलत मत समझना.

यह कहकर उसने बियर गिलास में डाल दी. बीयर वो पहले से लेकर आयी थी.

हम लोग बियर पी रहे तो नेहा बोली – मेरा आपसे संबंध बनाने का एक परपज है क्या वह नहीं पूछोगे?

मैंने कुछ नहीं बोला तो वो खुद बोली –  मेरी अगले महीने शादी होने वाली है.

मैं –   ओह बधाईया.

वो –  थैंक्स. मेरे एक दो बॉयफ्रेंड भी हैं. जिनसे मैं अगर संबंध बनाती हूं तो बाद में हो सकता है वो मेरे बारे में बताते फिरेँ. बदनामी होगी क्योंकि लड़कों का कोई भरोसा नहीं है.

आगे बोली –  कल को वह गा सकते है कि नेहा तो हमारे नीचे सोई हुई है. तो इसलिए मैंने आपको बुलाया है.

मैं –  जी मैं आप जैसी खूबसूरत लड़की ने मुझे बुलाया है तो मेरा नसीब है.

वो – और आपको बुलाने का मेरा मकसद सिर्फ एन्जॉयमेंट नहीं है. मैं चाहती हूं कि मुझे यह पता लगे कि सेक्स की पूरी प्रक्रिया क्या होती है, आदमी का अंग कितना बड़ा होता है?

मैं –  आप पोर्न नहीं देखती?

वो –  हाँ देखती हूँ. लेकिन पोर्न में सब रियल थोड़ी ही होता है? मेरी एक फ्रेंड है कविता. जिसकी शादी हो गई थी और उसके पति का लिंग ढंग से विकसित नहीं था. और कविता को लगा सबका ऐसा ही होता होगा.

मैं –  ओह्ह.

वी – बहुत बाद में उसको हकीकत पता लगी. इसकी वजह से बहुत पछता रही है क्योंकि उसको सेक्स की नॉलेज नहीं थी. उसकी जिंदगी उसके नामर्द पति ने बर्बाद कर दी.

वो आगे बोली –  आज की तारीख में लड़कियों को सब कुछ पता होता है लेकिन मैंने सोचा फिर भी एक बार अनुभव कर लेना. एक्सपेरिमेंट कर लेना सही रहेगा. अनुभव रहे और जजमेंट कर पाएंगे कि पति का ओके है या नहीं?

मैंने कहा –  मैं बहुत लकी हूँ आपके पास आकर.

नेहा – कविता में बताया कि उसके हस्बैंड का लिंग बिल्कुल सिगरेट की तरह पतला था लेकिन क्योंकि मेरी फ्रेंड को पता नहीं था इसलिए वह सोचती थी शायद सबके ऐसे ही होते होंगे. लेकिन असलियत जानने पर वो अब पछता रही है.

मैं –  जी मुझे आपकी फ्रेंड से सहानुभूति है.

वो – सोचा सेक्स कर लूं ताकि पति मुझे बेवकूफ ना बना सके. इसके लिए मुझे आप सबसे काम के लगे. आप दूर से हैं और मेरी बदनामी भी नहीं होगी.

मैं –  जी मैं कभी बाते लीक नहीं करता.

नेहा –  आपकी हर कहानी में लिखा है कि आपका वो बहुत मजबूत है. एक मजबूत लिंग के भी मुझे दर्शन हो जाएंगे. और आपका स्टैमिना भी पता चल जायेगा.

नेहा यह बातें करते हुए अभी भी शरमा रही थी जो कि जायज़ बात थी. उसका पहला एक्सपीरियंस था किसी आदमी के साथ ऐसी बात करने का.

मैं –  मैडम आप बिल्कुल सही हाथों में हैँ, पूरी सुरक्षित है और आपको कोई दिक्कत नहीं आने दूंगा.

मैंने आगे कहा –  मैं तो आपका असली नाम भी नहीं पूछ रहा कि अपना नाम है क्या, आपका नाम नेहा हो, प्रीति हो, कविता हो मुझे क्या फर्क पड़ेगा?

फिर हमने बियर पी ली तो थोड़ा नशा हो गया. मैं उसके पास आ गया. धीरे से मैंने उसका हाथ पकड़ लिया. दोस्तों बिल्कुल मक्खन की तरह मुलायम था हाथ. पकड़ते ही वह एकदम सिरहा गई.

वो बोली –  मैं आज पहली बार सेक्स कर रही हु.

दोस्तों मैंने उसकी बात सुनी और मन ही मन सोचा कि साली झूठ बोल रही है. आज की तारीख में सेक्स भी 24/7 अवेलेबल है. कोई भी कुंवारी लड़की मिलना बहुत ही मुश्किल है. थोड़ी देर बाद मुझे पता लगने वाला था कि यह वाकई कुंवारी है या कुंवारी होने का नाटक कर रही है.

उसका हाथ पकड़ा और धीरे-धीरे करते-करते मैं उसके मुंह पर पहुँच गया. उसके मुंह पर, उसके होठों पर, उसके गालों पर, माथे पर किस्स करना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे करते करते उसके बालों को भी हाथ में ले लिया. उंगलियां बालों पर फिराता रहा.

धीरे-धीरे मैं उसके पास आ गया और मैंने अपनी बाहों में ले लिया. अपनी बाहों में लेकर उसको धीरे-धीरे चूमना शुरू किया. चूमते-सुनते मैंने उसका माथा,पीछे कान की कनपटी चूमी. वो बहुत शरम शार थी.

अब तक इस बात का स्पेशल ध्यान रखा था कि मैं उसके होंठों को टच ना करूं. उसके होंठ अब तक मैंने छुए नहीं थे. अब तक की हरकतों से लग तो रहा था कि शायद यह कुंवारी ही है. लेकिन सही परीक्षा तो आधे घंटे बाद होने वाली थी.

तब तक मैं अपने पर कंट्रोल करे बैठा था कि देखते हैं क्या निकलता है. कुंवारी मिली तो मेरे जैसा खुशनसीब कौन होगा जिसे पका पकाया आम खाने को मिले? दोस्तों अब मैंने उसके होठों पर आने की सोची.

उसका ऊपर वाला होंठ मैंने अपने होंठो में जकड़ लिया वो बहुत ज़ोर से काम्पने लगी. फिर मैंने उसका नीचे वाला होंठ चूसना शुरू किया और फिर नीचे वाला. अब तो मैं कभी नीचे वाला,कभी ऊपर वाला होंठ ख़ाता रहा.

नेहा पसीने पसीने हो रही थी. धीरे-धीरे उसको किस करता रहा और फिर मैंने उसके कपड़े धीरे-धीरे करके उतारने शुरू किये. सबसे पहले मैंने उसका ऊपर का टॉप उतारा. टॉप उतरते ही अंदर से लाल रंग की ब्रा जिसमें उसका ठोस,उन्नत,जानलेवा हुस्न और सेक्सी वक्ष स्थल नजर आ रहा था.

वह बहुत शर्मा गई और उसने अपने हाथ दोनों बूब्स पर रख लिए. लेकिन अब खजाने को छुपाने का कोई फायदा नहीं था क्योंकि अब तो वो मेरी गिरफ्त में आ चुकी थी. लेकिन फिर भी लड़की को शरम आती है तो मर्द को अच्छा लगता है.

तो फिर धीरे-धीरे करके मैं उसको चूमता रहा. उसकी पीठ पर हाथ फिरये जा रहा था.
पीठ पर हाथ घुमाते हुए धीरे से मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. ब्रा का हुक खोलते ही उसके दोनों उन्नत बूब्स एकदम उछल कर बाहर आ गए जैसे कि ब्रा खुलने का ही इंतजार कर रहे थे.

मैं बाकी कहानियो की तरह यह नहीं कहूंगा कि बहुत बड़े 36 साइज थे. ऐसा नहीं था. लेकिन 34 नंबर अवश्य रहा होगा. लेकिन वह बहुत ही सॉलिड थे और अनटॉचड लग रहे थे.. ऐसा लगा जैसे आज तक उनको किसी ने छुआ ही नहीं है.

नारियल के गोले हाफ काटकर लगाए गए हो जैसी. बिल्कुल रुई के गोलों की तरह मुलायम थे. लेकिन उसमें ढीलापन बिल्कुल भी नहीं था और ढीलापन होता भी कैसे? 25 साल की लड़की बैठी थी जो अब तक कभी चुदी नहीं होंगी.
मैंने अपना हाथ धीरे-धीरे उसके बूब्स पर घुमाना शुरू किग्रा. उसके बूब्स के पास अपना मुँह लेकर गया और एक बूब्स चूमना शुरू कर दिया. उसके पसीने छूट रहे थे. उसका दूसरा निप्पल मैंने अपनी हाथ से मसलना शुरू कर दिया.

और अब देखिए दोस्तों एक निप्पल मेरे मुंह में था और दूसरे निप्पल का किशमिश का दाना मेरे दूसरे हाथ में था. तो दोनों बूब्स मेरे कब्जे में थे. चूंकि उठने बताया था कि कुंवारी है तो मैं तो उसको कुंवारी समझ के ही यह काम कर रहा था.

हालांकि कई बार ऐसा भी हुआ कि लड़की ने बोला कुंवारी है लेकिन चुदी हुई निकली. लेकिन कई बार लड़की की बात पर विश्वाश करके अपने एक्टिविटी करनी पडती हैँ. मुझे अक्सर चुदी चुदाई औरते और लड़कियां ही मिलती हैँ जो बिलकुल नखरे नहीं करती.

उनकी चोदा चादी बड़ा आसान है. कपड़े निकाले और पल दो. लेकिन यहाँ अपने को कुंवारी लड़की बता रही थी. वह दिख भी रही थी तो मैं इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाह रहा था.
मैं दिली इच्छा थी कि इसकी लाइफ का पहला एक्सपीरियंस इसको हमेशा याद रहे.

कुंवारी लड़की है. पहली बार किसी मर्द को अपना शरीर सौंम्प रही हो तो उसके सामने बड़ा संकट हो जाता है. लड़कियां लड़कों से अलग होती हैं. नेहा मेरे साथ चिपक गई. उसकी पीठ बिल्कुल मक्खन थी मक्खन.

चिकने बदन पर मेरा हाथ साबुन की तरह फिसल रहा था. चिपक गया मैं उसके साथ. उसकी पीठ की जो हड्डी थी वह बिल्कुल धनुष के कमान की तरह अंदर की तरफ दबी हुई थी. इससे उसके पुष्ट नितंब की हड्डी धनुष कमान की तरह अंदर तक गई हुई थी.

मैंने उसको जी भरकर देखा और फिर धीरे-धीरे करके मैंने अपने कपड़े निकालने शुरू कर दिए. मेरे कपड़े अभी नहीं बिकले थे. मेरी पैंट में मेरा लण्ड कैद में था. उत्तेजना के दर्द से लण्ड फटने को था और कैद से आज़ाद होने की अपील कर रहा था.

मेरे शर्ट उतरते ही मेरी चौड़ी छाती नुमाया हो गयी. नेहा ने मेरी छाती पर मुक्का सा मारा.
अभी मेरी पैंट और उसकी जींस उतरने बाकी थे. वो शरम के मारे बेड पर उल्टी होकर अपने बूब्स को दबाकर लेट गई.

उसके चौड़े चौड़े अनचुदे हिप्स मेरी आँखों के सामने थे जो जीन्स में कैद थे. मैंने अपनी पैंट उतारी और मैं फिर अंडरवियर भी उतार दिया. अंडर वियर उतरते ही मेरा 8 इंच लम्बा लण्ड आज़ाद होते ही कूद कर पड़ा. आखिरकार इतनी देर से कुलबुला रहा था.

मैं नंग धड़ँग होकर नेहा के मुँह की तरफ चला गया जो कि बैड पर मुँह घुसाए पड़ी थी. मैंने उसको ठोड़ी से पकड़ा और उसका मुँह ऊपर उठाया. लज़्ज़ा और उत्तेजना के मारे उसकी आँखे बन्द थी और वह इस स्वर्गीय आनंद का पूरा आनंद उठा रही थी.

मैंने फुसफुसाते हुए उसके कान में कहा –  नेहा आँखे खोलो.

नेहा –  नहीं खोल पाऊँगी.

मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसकी उंगलियां स्पर्श की. बहुत मुलायम उंगलियां थी . मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने 8 इंच लम्बे, डंडे की तरह सख्त और गर्म लौडे पर रख दिया. उसकी आंखे बन्द थी.

मेरी जलते हुए लौडे पर अपना हाथ लगते ही उसकी आंखे खुल गयी वो उई माँ कहते कहते अचानक से उछल पड़ी और बैड पर सर्प आसन में अपनी गर्दन को ऊँचा उठा लिया. लण्ड पर से उसका हाथ हट गया.

इस क्रम में उसका पेट अभी भी बैड पर लगा था और आगे उठने से उसके ठोस बूब्स नुमाया हो गए. मैंने उसके दोनों बूब्स अपने हाथों की गिरफ्त में लिए और उनको मसलना शुरू कर दिया.
मैं बैड के नीचे था और मेरा लण्ड ठीक उसके मुँह के सामने था.

मैंने उसका हाथ फिर पकड़ा और अपने लण्ड की तरफ लेकर मुलायम हाथ में फिर से अपना गर्म हथियार पकड़ा दिया. इस बार उसमें लण्ड पकड़ लिया लेकिन ऐसे हलके हाथ से पकड़ा कि जैसे उसका कोई इंटरेस्ट ही ना हो.

मन में चाहे लड्डू फूट रहे हों लेकिन लड़की ऐसा दिखाती है. कि जैसी चूत देकर कोई एहसान कर रही हो जबकि लड़की को भी चुदने की इच्छा लड़को जितनी ही होती है.

मैंने –  नेहा, मेरे लण्ड को जी भर के देख लो ताकि तुम्हे पता रहे कि असली लण्ड यही होता है.

वो –  सबका इतना बड़ा और हार्ड होता है क्या?

मैंने कहा –  नहीं, सबका ऐसा नहीं होता. लेकिन कायदे से लण्ड ऐसा ही होना चाहिए जैसा यह देख रही हो.

अब धीरे धीरे शरम पर उत्तेजना हावी हो गयी थी और उसके मेरा लण्ड अपने सॉफ्ट हाथों में ले ही लिया. भाईसाब, जवां लड़की का नाजुक हाथ लागरे ही लण्ड ख़ुशी के मारे और अकड़ गया. लण्ड की ख़ुशी देखते ही बनती थी.

वो काफी देर तक लण्ड को सहलाती रही. मेरे आंड की गोलियों से खेलती रही और इस कारण मेरा लण्ड जोश के मारे फटने को हो गया था. मैं अब बैड पर उसके साथ लेट गाय और उसके हिप्स पर हाथ लगाते हुए उसकी जींस से खेलने लगा.

मैने नीचे हाथ डालकर उसके बटन खोल दिए और जींस ढीली हो गयी. मैंने नेहा की जींस निकलने की चेष्टा की. जींस बहुत टाइट थी और मुख्य बात यह थी कि वो अपनी सेक्सी जांघो को कसकर लेटी थी और जीन्स निकलने नहीं दे रही थी.

मुझसे उत्तेजना बर्दास्त नहीं हो रही थी. इतनी सुन्दर, सेक्सी, बिनचुदी लड़की टॉपलेस साथ में लेटी हो तो नामर्द का भी लण्ड खड़ा हो जाए. मैंने किसी तरह कोशिश करके उसकी जींस निकाल ही दी. जीस निकलते ही उसके दूधिया चूतड निकल आये.

कमाल की बात यह थी कि उसकी पैंटी जींस के टाइट होने की वजह से चिपक गयी थी और जींस के साथ ही निकल आयी. चूतड़, गांड, निताम्ब जो भी नाम दो. बिलकुल दूधिया. हल्की हल्की गुलाबी रंगत लिए हुए.

इतने ज्यादा नपे तुले कि जैसी किसी फैक्ट्री में आर्डर देकर बनाएं हो. गांड ऐसी थी कि जैसे दूध से भरे दो तरबूज काट कर लगा दिए हो. कसम खाकर कहता हु कि मैंने असंख्य लड़कियों को चोदा है लेकिन नेहा जैसी चूतड़ किसी के भी नहीं.

नेहा के मांसल चूतड़ों को  चूतड़ ऑफ़ दी इयर 2024 का अवार्ड मिल सकता था. अब नेहा और मैं बिलकुल आदमजात अवस्था में बिलकुल नंगे एक साथ चिपके पड़े थे. मेरा हाथ उसके मांसल बदन की परिक्रमा कर रहा था.

अब यह रास्ता सिर्फ एक ही तरफ जा सकता था. और वो था नेहा की चुदाई. आपको मेरी कहानी में मज़ा आ रहा होगा. लेकिन आगे चुदाई की दास्तान बताने से नेहा ने मना किया हुआ है.

मैंने उसको यकीन दिलाया था कि मैं चुदाई का वर्णन सीधे या टेढ़े रूप में किसी भी कहानी में नहीं लिखूंगा. उम्मीद है आप मेरी मजबूरी समझेंगे और मुझे मेल करेंगे.

मेरी मेल ID [email protected] है और TELEGRAM ID big10inch.
आपके खतों का इंतजार रहेगा. Rahul. Delhi.

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